ना जाने क्यों संतोष नही मिल पा रहा था

ना जाने क्यों

संतोष नही मिल पा रहा था

जबकि मैं अपने सिवा दिल सबका जीत पा रहा था……..

वजह देर से सही

पर अब समझ आई…….

 कि जिनको मैं अपने दिल में बिठा रहा थामैं खुद भी उनके दिल में बैठना चाह रहा था………………