मंज़िल मिल जाएगी
या खुद मंज़िल बन जाओगे
भाग्य तुम लिख नही सकते
पर भाग्य तुम खुद बनाओ ,
कदमो पर खुद के तुम यकीन करो
दम है इनमें
तुम कर्म करो ,
मंज़िल मिल जाएगी
या खुद मंज़िल बन जाओगे
क्योकि
तुम उसी खुदा के रूप हो
जिससे आज नही तो कल
तुम खुद मिल जाओगे.