HELLO EVERYONE MY NAME IS SONALI SINGHAL……..I LOVE TO WRITE…..TEACHERS ARE OUR BEST MENTORS………LOVE TO WRITE
गुरु का गुनगान करे गुरु का गुन गान,
जैसे इस धरती उपर आसमान,
जो बताए आपको क्या है आपकी पहचान,
और करे आपसे उसके महत्व का बखान,
माँ-बाप की अँगुली पकड़ कर देखते है हम जो दुनिया,
उसको समझने का देता है वो ज्ञान,
आपके बचपन से ही जुट जाता है जो बनाने में आपको एक नेक इन्सान,
ताकि सुख समय बीते आपका भविष्य और वर्तमान,
गुरु वो होता है जो लुटा देता है हम पर अपने ज्ञान का सागर
बिना किये एहसान,
और गुरु द्वारा इसी तरह होता है दिव्य समाज का निर्माण,
क्या कभी ये सोचते है, जिस पत्थर की मूर्ति को
अपनी सारधा से बना देते है भगवान,
आखिर उसी रूप ले कर आता है ये गुरु महान,
हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है,
जैसे क्षमा से बढ़कर नहीं है कोई दान,
वैसे ही गुरु से बढ़कर आज भी नहीं है किसी का स्थान,
तो आईए इन बातों की गहराईयों पर दे थोड़ा ध्यान,
फिर मन से करे अपने गुरु का गुनगान।
गुरु एक सागर है
जिसमें डुबकी लगा
व्यवहार जीवन अपना
सीख लें,
मन में बसा
तो संसार के सभी सुख अपने
संतुष्ट रहेंगें सपने,
कदमों को मिलेगी कामयाबी
गुरु की कृपा में छिपी है वो चाबी
मार्ग दर्शन कराया
जीवन हुआ सफल
जबसे ली गुरु की छाया