HELLO EVERYONE………….MY NAME IS SONALI SINGHAL….I LOVE TO WRITE…WRITING MY EXPERIENCE GIVES ME STRENGTH, ENCOURAGEMENT AND POWER TO EXPRESS AND IT ALSO GIVES MY WORDS, MY FEELINGS WINGS TO FLY…THANK YOU
THIS PAGE IS ABOUT HINDI POETRY,हिन्दी कविता , SHAYRI, KAVITA ,QUOTES, STATUS, EXPERIENCE OF LIFE ,PASSION FOR WRITTING
मेरा अनुभव मेरा परिचय
ये मार्ग दर्शनमुझे तेरी ओर खीचें अधूरे नही है हमपर तुम्हारे बिना पूरे नही है हम
सबर की किसको है खबर
सबको है नए युग का असर
बस यही रह गई थी कसर
जीना गए भूल ज़िन्दगी कर रहे हैं बशर
क्योंकि भाग रहे हैं सब ऐसे
अपनो की छूट रही है पकड़
ना सुकूं की हवा है अपनों की दवा
फिर भी कल्युग के मरीज़ की टूटती नहीं अकड़
आलम ये है
कि जाना है वहां जहां नहीं है कोई डगर
गुम गएं है चकाचौंध में ऐसे
साथ ना अपने ना मंज़िल ना ही है कोई सफ़र
अब वक़्त भी झींक रहा है
खुद वक़्त भी सीख रहा है
इक्कीसवी सदी के इस बदलते रुख को तो
वक़्त भी खींच रहा है
वक़्त कभी बुरा नहीं होता
बस हमारे कर्म आंखों पर पर्दा दाल देते हैं
और हमे कल तक खुशबू देने वाले गुलाब की खुशबू
से तक्लीफ होने लगती है
मैं नादान ही खुश था
जैसे जैसे सबको समझने लगा
रास्तों में खोने लगा
बहुत बार टूट कर
या सबक पाया है
जब मंजिलें धुंधली हों
और कांटे हरे
सिर्फ खुद के हौसले से जुड़े रहना है
कष्ट कैसे भी हों
हो जाएंगे परे
जो भी जना है
यक़ीनन अदभुत है बना
कमाल की बात ये है कि
उस रचनाकार से फिर भी
हर कोई है तना
कर्म अपना कोई देखता नहीं
फिर कहता
मेरे साथ ही ऐसा हुआ क्यों
जबकि पता है
हर इक फल उसके ही कर्म से है बना
गैरों की बातों में आकर कभी
किसी अपने ना ठुकराना मेरे दोस्त
वक़्त की मार पड़ी तो समझ आया
उन्हें हमारे मजबूत रिश्ते से तकलीफ थी
क्योंकि उन्होंने हमारे जैसे दोस्त नहीं था पाया