HELLO EVERYONE………….MY NAME IS SONALI SINGHAL….I LOVE TO WRITE…WRITING MY EXPERIENCE GIVES ME STRENGTH, ENCOURAGEMENT AND POWER TO EXPRESS AND IT ALSO GIVES MY WORDS, MY FEELINGS WINGS TO FLY…THANK YOU
दीप दीपावली के हम जलाएँ
वहाँ सरहदों पर जवान वतन पर कुर्बान हो जाएँ
यहाँ आँखों मे हम त्योहार की रौनक सजाएँ
वहाँ वीरों के परिवार वालों की आँखें भर आएँ ,
यहाँ भाईयों की मनपसंद , हम मिठाइयाँ बनवाएँ
वहाँ वीरों की बहने उन मिठाइयों को देख देख रोती जाएँ ,
कैसा अजब सा नज़ारा है ना……
देश में देशवासी त्योहार मनाएँ
हमारी खुशाली के लिए वीर अमर हो जाएँ ,
क्या हमारा फ़र्ज़ नही
कि हम उनके लिए कुछ कर पाएँ
मानते हैं कि उनका दुख तो हम कम नही कर सकते
तो चलो कम से कम उनका दुख ही बाट आएँ …
दीपावली और मन
अनोखा बंधन ,
जैसे हर ओर फैले रोशनी
वैसे मन मे हज़ारो तरंग,
दीपावली मुबारक………
दीपावली भारत वासीओं का त्योहार है
इसलिए
देश में इस्तेमाल होने वाली हर चीज़ पर
देश में बनी चीज़ो का ही अधिकार है
देश का सम्मान करें
देश का उत्थान करें
आप सभी को दीपावली की शुभ कामनाएँ
आओ कुछ यादें ढूँढे पुरानी
वो माँ के सुनहरे रंग की सारी
वो दादी की मुस्कुराहट नूरानी,
वो पापा का लाड़
वो दादाजी की किससे
उन्ही की ज़ुबानी,
वो थाल भर खाई मिठाई
वो प्रेम से भरी दीपावली सबके साथ मनाई……..
आओ फिरसे प्रेम संग से दीपावली मानते हैं
थोड़ा अपनो के साथ
थोड़ा अपने साथ काम करने वालों के साथ
मिलकर एकता के दीप जलते हैं………
धनतेरा एवम् दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
सोनालिनिर्मित
बाज़ार सज़ा है
पर एक बार दिल से सोच
आख़िर किसमे रज़ा है,
सुकून के पल
या बनावटी छल,
क्या खरीदने निकले
जो पास नही
जिसकी ज़रूरत है
वो तो बिकता भी नही………
करले विचार
हर रोज़ है त्योहार,
दिल से मुस्कुराह
जीले हर ज़रराह,
दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ
आओ प्रेम के दीप जलाएँ
दीपावली की बधाई हो
प्रेम संग दिलों की सगाई हो
दुवेश भावना की घर से विदाई हो
अपने घर के साथ साथ रोशनी किसी ज़रूरत मंद के घर लगाई हो ……………………..
दीपावली की रौनक इस तरह छाई हो
हर्ष उल्लास के साथ
हर चेहरे पर मुस्कुराहट छाई हो………..
दीपावली की बधाई हो
सोनाली निर्मित सिंघल
बच्चपन की उस दीपावली को मैं फिरसे मनानाचाहता हूँमैं एक बार उस वक़्त में लौट जाना चाहता हूँजिसमे परिवार का साथ थापड़ोसी से गपशप थीअपनो संग पटाखे थेहसीं के ठहाके थेथाल भर मिठाइयाँ सजी मिलती थीजिसे बिना रोक टोक हम खाते थेदियों की रोशनी से ज़्यादादिल रोशन थेलिबास से ज़्यादा चेहरे पर चमक थीअपनो के औरे की हर ओर महक थीएक सप्ता दीवाली मानते थेहॅपी दीवाली हॅपी दीवाली कर तेगली गली घूम आते थेआज ki happy Diwali is tarah haiहॅपी दीवाली नो क्रॅकर्स नो स्वीट्सगो ग्रीनCelebrate it in your dream





