HELLO EVERYONE………….MY NAME IS SONALI SINGHAL….I LOVE TO WRITE…WRITING MY EXPERIENCE GIVES ME STRENGTH, ENCOURAGEMENT AND POWER TO EXPRESS AND IT ALSO GIVES MY WORDS, MY FEELINGS WINGS TO FLY…THANK YOU
ज़िंदगी जी रहे हैं फिर भी जीने की खुवाहिश करते हैं समझ नही आता
लोग किस उलझन में रहते हैं
खुशी की तलाश में
घूमा गली गली
एक दिन थक कर बैठ गया
सवाल के जवाब में ऐंठ गया,
खुशी मुझे देख हस्ती रही
बोली
जिस सवाल में आज तक तेरी ज़िंदगी बस्ती रही
उससे मन को हटा लें
जो है उमे खुद को रामा लें,
इच्छा कर पर भटक मत
जो मिल जाए वो राह पकड़ अटक मत,
मैं तो तेरे ही भीतर रहती हूँ
बस तू देख नही पाता
जिनमें मुझे ढूंढता है
उनसे वास्तव में तेरा नही है कोई नाता
सोनाली सिंघल
याद नही वो दिन
कब माँ को गले लगा कर कहा
माँ तू ही है मेरा जहाँ ,
माँ आज भी यही कहती है
तेरी खुशी में है मेरी रज़ा
तुझमे बस्ता है मेरा जहाँ …………
क्यों हर पल हमें
अपने आप से लड़ना पड़ता है
जिसे मन ना स्वीकारे
मजबूरन उसके साथ भी आगे
बढ़ना पड़ता है
समाज की दलीलों को
खुद की किताब में घड़ना पड़ता है,
मुस्कुराते हुए, संग खुद के
झगड़ना पड़ता है…………….
स्वम् विवेक के धागों को उधड़ना पड़ता है
मन के बलात्कार को स्वीकार कर
बेबसी की अग्नि में जलना पड़ता है …..
मुद्दत हुई बात करे कुछ गुज़रे
अफ़सानो की
जी रहे हैं जाने किस धुन में ज़माने की,
पियास है
पानी भी है
फिर रहते हैं पियासे,
सियासत मिल गई
ज्ञान भरा है,
फिर भी रहते जिगयासे ,
समुंदर पसंद है
उसके उफान नही,
बस बाते बड़ी है
काम नही ,
गीता – क़ुरान सब पढ़ी
पर मन में ना उतरी उसकी एक भी कड़ी ,
मुह पर दिखावटी मुस्कुराहट लिए बैठे है
और मन में है नफ़रत भारी ,
दुनिया बेहद खूबसूरत है जानते हैं
पर जीने के सच को नही मानते हैं
गुज़रते वक़्त के साथ
हम कितना भी दौड़ लें
कुछ दिल से जुड़े लोगों की
हसीन यादें हमारा साथ कभी नही छोड़ती ,
वक़्त के हारे हम भले ही उनसे दूर हो जाएँ
पर यादें हमारे रास्तों को उनके पास ही मोड़ती………

