सुख की चाह थी सुकून की राह थी पर दोनो...
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युहीन नही होंठों पर तेरा नाम लेने से तर जाता हूँ
युहीन नही होंठों पर तेरा नाम लेने से तर जाता...
Continue reading...पत्थरों से बात की तो उनके मॅन की बात समझ आई थी
पत्थरों से बात की तो उनके मॅन की बात समझ...
Continue reading...एक समारोह के समान बन गई है ज़िंदगी लोग आते हैं
एक समारोह के समान बन गई है ज़िंदगी लोग आते...
Continue reading...कंधे तो बहुत मिले राहों में हमने सोचा
कंधे तो बहुत मिले राहों में हमने सोचा वक़्त आने...
Continue reading...भीतर छुपे आनंद की संसार में खोज है
भीतर छुपे आनंद की संसार में खोज है यक़ीनन ….....
Continue reading...सवाल उठाते लोग जो पहले नही सोचा वो अब क्यों
सवाल उठाते लोग जो पहले नही सोचा वो अब क्यों...
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