HELLO EVERYONE………….MY NAME IS SONALI SINGHAL….I LOVE TO WRITE…WRITING MY EXPERIENCE GIVES ME STRENGTH, ENCOURAGEMENT AND POWER TO EXPRESS AND IT ALSO GIVES MY WORDS, MY FEELINGS WINGS TO FLY…THANK YOU
माँ के आँचल से सिमट कर आँख भरती हैं क्यों देख उसका चेहरा मेरी उदासी ढलती है क्यों , क्या है ये रिश्ता कोई जाने ना............. क्या है ये रिश्ता कोई जाने ना............. जब भी डरता दिल मुख से माँ ही….. निकता है क्यों, उसके चरणों में मुझको जन्नत मिलती है क्यों, क्या है ये रिश्ता कोई जाने ना क्या है ये रिश्ता कोई जाने ना............. हाथ से उसके मैं खा कर दही निकल ता हूँ क्यों, बिन कहे जो समझ जाती माँ ही केवल क्यों, क्या है ये रिश्ता कोई जाने ना क्या है ये रिश्ता कोई जाने ना............. दिन में जो तारे दिखला दे सिर्फ़ माँ है मेरी क्यों, गले लगा कर मुझे सैलती माँ ही मेरी क्यों, जब चली जाती है वो इतनी याद आती है क्यों क्या है रिश्ता कोई जाने ना कौन हमे खींचता कोई जाने ना............ तुझेमे रब दिखता तू ना जाने मेरी माँ......... माँ बाबा की दुआओं का असर ही काफ़ी है गुरु की हम पर पड़ जाए वो नज़र ही काफ़ी है, छूँ कर आसमां ना जाने हम इतराते है किस गुमान में, उन्ही को नज़र अंदाज़ कर जिनके आशीर्वाद ही ....हमारे सच्चे साथी हैं......... जो माँ हमे मनाने को तरसती है वो घर में रहती है जिस माँ को हम मनाने को तरसते हैं वो मूर्ति में बस्ती है, अर्थात साक्षात्कार में विश्वास करो जय माता की हमारे पहलें गुरु हर पल हमारे साथ हैं फिर भी हमे खुश रहने के लिए गुरुओं की तलाश है माँ-बाबा जीवा पर होती विराजमान माँ सरस्वती इसलिए जो हम कहते है होता वही वाणी के शब्द होते अनमोल इन्हें सेच समझ कर ही बोल यकीन ही बनता है हकीकत ना समझो इससे नसीहत जुबाँ में है शक्ति करो उसकी भक्ति इसलिए मन के विचारों की करो शुद्धि कहावत है विनाश काले विपरीत बुद्धि मनुष्य की वाणी से निकला शब्द तीर कमान के है समान उसे बदल नहीं सके स्वयं भगवान हमारा मन] हमारी सोच और हमारी वाणी होती हमारी हृदय विदारक की पहचान जिसके बलबूते पर जीवन रचते है हम उस विधाता की किताब में सजते हैं हम....... सज़दे में माँ के हम सिर झुकाते हैं साँसे ले या ना लें हम जगजननी के ही कहलाते हैं उसके आशीर्वाद से हम जहाँ की खुशियाँ पाते हैं माँ ममता की कोई सीमा नही खुशनसीब होते हैं वो लोग जो इस बात को समझ पाते हैं.......... happy mothers day लोग हमें कमज़ोर समझते हैं जीवन को जन्म देने वाली माँ को लोग कमज़ोर समझते है छाती से लगा कर दूध पिलाने वाली माँ को लोग कमज़ोर समझते हैं, जिस माँ के आशीर्वाद में परिस्थिति को बदलने की ताक़त है लोग उस कमज़ोर समझते हैं, जो किसी के नाम का माँग में सिंदूर भर, पल में अपना सब कुछ उस पर न्योछावर कर देती है लोग उसे कमज़ोर समझते हैं, देवियों के रूप में पूजे जानी वाली नारी को लोग कमज़ोर साझते हैं शर्म आती है ये सोच कर नारी के कोक से जन्म लेने वाले लोग ही नारी का करते नही सम्मान और खुद को बताते हैं इंसान...........
