81.
महकउठताहैकाफिला
जबजबतूगुज़रतीहै
कुछपलकेलिएदिनरातमेंबदलतीहै,
क्याकरें
तेरीमहोब्ब्तकानशाहैहीज़बरदस्त
हमपुकारनाभीचाहेंगरकिसीऔरको
आवाज़तेरेनामकीहीनिकलतीहै…….
82.
निलामहोगएतेरीआशिकीमेंआज
तुझेपानेकीखुआईशनेइसकदरमजबूरकरदियाथा……
हरमुम्किनक़र्ज़होगएचुकानेकोतैयार
तेरेपियारकेबिनाजीनेकेदर्दनेइतनादर्ददेदियाथा…..
83.
खुवाहिशोकोपूराकरनेकीखुवाहिशमेतोजीरहेहैं………
वरनाज़िंदगीतोकबकासाथछोड़चुकीथी…..
84.
सुनाथा……
उँचाईओकोछूनेकेलिए
तIरोकोछूनापड़ताहै
सोचाफिररातकेअंधेरेमेहाथमिलाकरहीपूंछलूँ
क्यातुम्हेभीकुछदेनापड़ताहै,
तारेमुस्कुराकरबोले
हाँमैंभीरिश्वतख़ाताहूँ
दोघड़ीमुझेप्रेमसेदेखले
इसमतलबीदुनियासे ,
मैंबसयेहीचाहताहूँ
किशायदइसतरहहीएहसासहोजाएँउन्हें
जोहैउसमेविश्वासहोजाएँउन्हे,
परअबसोचताहूँ
रिश्वतकीचाहछोड़दूँगा
भटकजाताहूँइसमोहमायाकेबंधनमे
वरनाक्यासोचतेहैयेधरतीवासी
यदिनाकरेंगेमेरादीदार
क्याचमकनाछोड़दूँगा……..
85.
ज़िंदगीएकपियासहै
इसेपानेकीखुवाइशएकनशा
गरयेदोनोमिलजाए
सोचोजीनेमैंआएगाकितनामज़ा
86.
ज़िंदगीतोहरपलहीखूबसूरतहै
देखनेकेनज़रिएमेंहीफरकआजाताहै
भगवनतोसदेवहीविराजमानहोतेहै,
परतिथिकेहिसाबसेजिसकानामपुकाराजाए,
हमेवोहीनज़रआजाताहै…
जैमातादी…
87.
हरपलमेढूंडरहीथीकुछपल
किपलहीबोलपड़ा
क्यातुझेमैंदिखनहीरहाखड़ाहुआ
जिसेतूढूंडरहीहैपगली””””””””””’
उसहीनेतोतुझेहैजकड़ाहुआ……
इसतरहराहोंमेअपनीमतबिखेरकॅंकर
उसकीशक्तिमेंविश्वासरख
जिसनेतेराहाथहैपकड़ाहुआ…
88.
महोब्बतकेरसकोपिया
तोइंतज़ारमिला,
जबपुकारेगएहम
तोकरारमिला,
दौड़करमंज़िलकोपकड़नेकीकोशिशकी
तोसनमफरारमिला,
जबजबछलाँगलगाईमज़िलकीचाहतमें
सनमकीकसम
कुआँदलदलबनउतनाहीबेकरारमिला…..
89.
देताहैतुम्हेवोदस्तकहरपल
तुमसुनतेनहीउसकीआवाज़,
हरमुमकिनकोशिशकरताहैवोतुमतकपहुँचनेकी
तुमकरदेतेनज़रअंदाज़,
वोतुम्हेएकपलभीनहीभूलता
तुममुसीबतमेंकरतेहोयाद,
परवोतभभीतुम्हारासाथदेताहै
जबजबकरतेहोफरियाद,
फ़र्कइतनाज़रूरहोताहै
जैसेतुमचाहोवैसेहीमिलेतोतुम्हेझिलताहै,
परवोभीमजबूरहै
क्युकिभाग्यसेबड़करकिसीकोकुछभीनहीमिलताहै…..
90.
एखुदाबक्शदेमुझेऐसेहुनरसे
किहरहसीनलम्हेकोकैदकरसकूँ,
जिसनेभीमुझेसर्राहाहैपुकाराहै
संगउसकेज़िंदगीभरऐशकरसकूँ……..
नादेखूंउससमयकोजिसमेंहोअफ़सोसकाएकभीपल,
नादेखूंउससमयकोजिसमेंहोअफ़सोसकाएकभीपल,
जिनकेसाथज़िंदगीजीनेकीचाहहै
हरसमाउनकेसाथबैठकरजीसकूँ …
91.
वोकहतेहैं
हमतुममेंहैं
तुमहुममें,,,
हमकहतेहैं
हमकोतुमनज़रहीनहीआते
वोपूछतेहैंयेकैसापियारहै
हमकहतेहमखुदको, तुममेहीपाते
नज़ररिएहमारेअलगहैं
पियारनहीं……..
तुमआँखेंबंदकरोतोदेखपातेहोमुझे
मुझेतुम्हारेसिवाकुछदिखतानहीं …….
92.
खिलोनोंसेखेलतेखेलतेकबखिलोनाबनगए
तबउनकीएह्मियदनासमझी
अबसमझगए,
सक्तहैज़िंदगीकेअसूल
पहलेलुभाती
फिरलेतीसबवसूल…….
93.
पुरानीयादोकीहरबातमेएहसासहै
जसबातोसेभरेखुवाबहैं
जिनकीहरझलकहमेयाददिलातीहै
उनसुकूनकेपलोकोफिरलेआतीहै,
जहाँपियारसेभरेथेहररिश्ते
एकदूसरेकेलियाहमहरपलथेबिछते
ताक़तथेएकदूसरेकेसपनोकी
आवाज़नहीआहटसुनलेतेथेअपनोकी,
यादबहुतआतेहैंवोलम्हें,
काशमिलजाएँफिरवोहमें………….
94.
बिनाकुछकिएयेज़िंदगीमिलसकतीहै
उसकाफलनहीं
अपनेआजकोआजहीजीसकतेहो
कलनहीं,
खुवाइशोकोकमकरो
चुनिंदाकेलिएहोसलेबुलंदकरो,
कदमोकोनाडगमगानेदो
अपनेसपनोकोमहकजानेदो,
कदमबड़ाओगेतोएकदिनपहुँचजाओगे
चाहेहोमंज़िलकहीं…….
विश्वासरखोस्वम्पर
दूसरोकीहमदर्दीपरनहीं,…….
चोटभीखाओगेकईबार
परचलतेजानालगातार,
हिम्मतमल्हमकाकामकरतीहै
नामानोतोआज़मालोज़िंदगीइसहीतरहसवरतीहै,
क्युकिमक्सदहीइंसानकोमंज़िलतकपहुँचताहै
वरनाघरतोरास्तेपरचलनेवालाभीपहुँचजाताहै ………….
95.
हरकिरदारकोबखूबीनिभाताहैवो
अंधेकोरास्ताऔरभूकेकोरोटीखिलताहैवो,
उसखुदाकीरहमतकाकोईहिसाबनही
उसनेतोसागरमेंभीइतनीबूँदभारीहै
जितनीइससंसारकोपियासनहीं,
कम्बक्तयेतोकरमहीबीचमेंआजातेहैं
जोइंसानकोरुलातेहैं
विधातातोसबकादाताहै
परकर्मोंकेआगेवोभीहारजाताहै
यदिसचनाहोता …………..
सीतासेरामकभीजुदानाहोता
राधाकीआँखमेंआँसूनाहोता…………..
96.
सिक्कोकोजोड़तेथे
नोटकमानेकीचाहमें
हरख्वाइशकोपूराकरनाथा
जोआजाएराहमें,
जुनूनइसकदरबढ़गया
किवर्तमानमेंजीनाभूलगए
जिसवक़्तकोकमानेकेलिए
अपनेआजकोलुटारहेथे
वोसबफ़िज़ूलगए,
चंदसिक्कोकेसाथबारिशमेंनहाकर
ज़िंदगी के मज़े जब लेते थे
आजनोटआतेहीछतोकोढुँधतेहैं
सचसेआँखेंमूंदते…….
येलम्हेवापिसनहींआएँगेदोस्तो
इन्हेजीभरकेजिओ
सिर्फ़कलकेजीनेकेलिएआजकीखुशियोंमतसिओ…………..
97.
वक़्तखामोशरहकरभीहमे
हरपलजीनासिखाताहै
परहमेठोकरखाकरही
जीनेमैंमज़ाआताहै……….
वोबावजूदइसकेभीअपनी
एहमियतखुदहमेनहीजताताहै
हमबावजूदइसकेभीवक़्तकोमुट्ठीमेंबंदकररखनाचाहतेहैं
औरवोहैक़िहाथसेनिकलहीजाताहै…..
98.
मेरीआवाज़तुमतकपहुँचजाए
येहवाफिरलहराए ,
सनमकीआँखेंभीहमारेदीदारकोतरसे
बिनमौसमयेसावनबरसे,
आशिकीकीहरहदपारहोजाए
बसएकबारसनमकीआँखोंमेंपियारभरआए,,,,,,,,
99.
समयकुछकहताहै
मनकुछऔर
ज़मानाचाँदपरजानाचाहताहै
मनटिकाहैसूरजकीओर,
भूकहैपररोटीभातीनही
कम्भक्तयेमौतभीमाँगनेसेआतीनही
जवाबएककाभीनही
मानोज़िंदगीहोथमी
अनगिनतहोगएसवाल
जानेकिसकाडरहै
किसकाहैख़याल,
आँखेखामोशहै
ज़ुबानलड़खड़ातीहै
मनकीबातअब
मनसेहीकतरातीहै
बेगुनाहकोदोषदे
आगेभड़नानहीचाहतीहै
अंधेरेमेंघूमती
परछाईकोढूँढती
उसकोछुपाकररखनाचाहतीहै
जीतेजीज़िंदाहोनेकानिशानमिटानाचाहतीहै
जानेइतनाक्यूँविलापहै
दिलक्यूँहताशहै…
100.
देशपरमरमिटनेवालेजवान
तुम्हेहमाराशतशतप्रणाम||||||
वोलड़तेहैंदेशकेदुश्मनोसे
कभीशिकायतनहीउन्हेअपनोसे,
बेख़ोफ़लड़तेहैं
मात्रभूमिपरमरतेहैं,
मरकरभीछोड़जातेहैंपैगाम
इसशहीदीमेंहीहैशान
बावजूदइसकेकहजातेहैंवो
किजबकलनारहेहमारावक़्त
समझनाशहीदहोगयाएकऔरमात्रभूमिकाभक्त ,
जिसकीक़ुर्बानीव्यर्थनहीजाएगी
क्योंकिउसकीपीढ़ीयेपरंपरानिभाएगी,
इसलिएपुत्रजोदोकदमकमहुएहैं
मात्रभूमिकीरक्षामें
उनकदमोकेनिशानपरतुमपैरजमाना
येवीरोकासिलसिलायूँआगेभड़ाना,
माँकेआँचलकीचिंतानाकरना
क्योंकिवीरोकीमाँ, बेटिओं ,पत्निओकोआता है विजय तिलक लगाना ………….
देशकेजवानोकोसलाम
उनकेपरिवारोकोप्रणाम…..