HELLO EVERYONE………….MY NAME IS SONALI SINGHAL….I LOVE TO WRITE…WRITING MY EXPERIENCE GIVES ME STRENGTH, ENCOURAGEMENT AND POWER TO EXPRESS AND IT ALSO GIVES MY WORDS, MY FEELINGS WINGS TO FLY…THANK YOU
हर साल उस रावन को क्या मारते हो
जो मर कर आज भी ज़िंदा है
जिसने माँ सीता का हरण भले ही किया
परंतु उनकी इच्छा की विरुध उन्हें
कभी हाथ नही लगाया
परिणाम! पाप का अंत
तो हम आज भी बार बार उस ही रावन को क्यों मारे
यदि मारना ही है , तो आज के उस रावन को मारो
जो सीता हरण तो करता ही है
और उसे दरिंदे की तरह नोच नोच कर मार डालता है
या अधमरी हालत में ज़िंदा मरने के लिए छोड़
खुद वो जानवर दूसरे शिकार की तलाश में आज़ाद घूमता है………
विजयदशमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ
जिस रावन का श्री राम के हाथों उद्धार हुआ
तुम उस रावण को क्या सोच कर जलाते हो
जलना ही है तो अपने भीतर के रावण को जलाओ
जिसके पीछे छिप कर तुम भी रावण बन जाते हो
वो रावन तो मर कर भी अमर हो गया
और तुम जीतेजी खो खो गए हो
इसलिए मत भागो किसी दौड़ में
बस जागो इस दौर में
दाशहरे की हार्दिक शुभ कामनाएँ